तिथियों के अधिपति देवता
हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्योदय से सूर्योदय तक एक दिन माना जाता है। एक हिन्दू मास को 15 दिनों के 2 पक्ष कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष में विभाजित किया गया है। कृष्णपक्ष के 15 दिनों की समाप्ति पर अमावस्या तथा शुक्लपक्ष के 15 दिनों की समाप्ति पर पूर्णिमा पड़ती है,जिसके बाद नया मास शुरू हो जाता है।
यहां हम एक मास में पड़नेवाली तिथियों और उनके अधिपति देवता के बारे में चर्चा करेंगे।
कुछ तिथियों पर व्रत रखा जाता है जैसे एकादशी, प्रदोष, चतुर्थी इत्यादि वहीं कुछ तिथियों पर स्नान, दान व अनुष्ठान किया जाता है।