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जेष्ठा नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से एक नक्षत्र है और यह भारतीय ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह नक्षत्र वृश्चिक राशि में स्थित होता है और इसका स्वामी ग्रह बुध है। जेष्ठा नक्षत्र का चिन्ह एक “वीर या एक शाही झूमर” होता है, जो इसे प्रतिष्ठा, शक्ति और सम्मान का प्रतीक मानता है।

जेष्ठा नक्षत्र का प्रभाव व्यक्ति पर इस प्रकार होता है:

  1. स्वभाव और व्यक्तित्व: जेष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति अक्सर नेतृत्व की प्रवृत्तियों से भरे होते हैं, आत्मविश्वासी होते हैं और उनके पास निर्णायक क्षमता होती है। वे अपने कार्यों में दृढ़ नायक होते हैं।

  2. सकारात्मक गुण: ये लोग महत्वाकांक्षी होते हैं, मेहनती होते हैं और उनका उद्देश्य स्पष्ट होता है। साथ ही, वे अच्छे नेता और मार्गदर्शक भी हो सकते हैं।

  3. नकारात्मक गुण: कभी-कभी इन लोगों को अत्यधिक अहंकार और घमंड का सामना भी करना पड़ सकता है। यह नक्षत्र अति आत्मविश्वास और दूसरों पर दबाव बनाने की प्रवृत्ति भी उत्पन्न कर सकता है।

साथ ही, जेष्ठा नक्षत्र के बारे में यह माना जाता है कि यह नक्षत्र व्यक्तित्व में शुद्धता और एक उच्च स्थान प्राप्त करने की इच्छा को उजागर करता है।