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पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) भारतीय ज्योतिषशास्त्र में एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है, जो कर्क राशि में स्थित है। यह नक्षत्र विशेष रूप से शुभ और सकारात्मक प्रभावों के लिए जाना जाता है।

पुष्य नक्षत्र के गुण और विशेषताएँ:

  • देवता: पुष्य नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि (Saturn) है, और इसकी देवता ब्रह्मा माने जाते हैं।
  • नक्षत्र का प्रतीक: पुष्य नक्षत्र का प्रतीक “पंख वाले जलपक्षी” या “पंख वाले जलपक्षी का अंडा” है।
  • रचनात्मकता और शिक्षा: यह नक्षत्र रचनात्मकता, शिक्षा, और ज्ञान का प्रतीक है। इसके प्रभाव में आने वाले लोग अक्सर बुद्धिमान, सहानुभूतिपूर्ण और अच्छे शिक्षकों के रूप में कार्य करते हैं।
  • शुभ समय: पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है, विशेष रूप से नए कार्यों की शुरुआत के लिए। इसे व्यापारिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी शुभ माना जाता है।
  • सकारात्मक प्रभाव: इस नक्षत्र में जन्मे लोग आमतौर पर सहानुभूतिपूर्ण, दयालु, जिम्मेदार और परिश्रमी होते हैं। इन्हें परिवार और समाज में सम्मान मिलता है।

पुष्य नक्षत्र का समय:

पुष्य नक्षत्र हर महीने में एक बार आता है, और इसका समय सामान्यतः 26 डिग्री 40′ से 10 डिग्री 0′ तक होता है।

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